S.D. Human Development, Research & Training Center | श्रीमद्भगवद्गीता के षोड्श अध्याय पर आधारित आसुरी-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण श्रीमद्भगवद्गीता के षोड्श अध्याय पर आधारित आसुरी-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण | S.D. Human Development, Research & Training Center
सनातन धर्म मानव विकास शोध एवम् प्रशिक्षण केन्द्र
Sanatan Dharma Human Development, Research & Training Center
Tie-Ups
  • Amity Centre for Sanskrit and Indic Studies Amity University, Gurugram
  • Punjabi University, Patiala
  • Guru Nanak Girls College, Santpura, Yamunanagar
  • D.A.V. College For Girls, Yamunanagar
  • Mata Sundri Khalsa Girls College – Nissing, Karnal
  • D.A.V. College, Pehowa
  • M.P.N. College, Mullana

श्रीमद्भगवद्गीता के षोड्श अध्याय पर आधारित आसुरी-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण

Enter Membership ID to Begin test.

Welcome to your श्रीमद्भगवद्गीता के षोड्श अध्याय पर आधारित आसुरी-वृत्ति व्यक्तित्व परीक्षण

Name
1. जगत् के कारण ईश्वर नहीं है। (अनीश्वरम्)
2. शरीर के अतिरिक्त आत्मा नहीं मानता हूँ। (अल्पबुद्धयः)
3. कठिनता से पूर्ण होने वाले काम करता हूँ। (दुष्पूरम्)
4. दम्भ से युक्त हूँ। (दम्भ)
5. मान करता हूँ । (मान)
6. मद से भरा रहता हूँ। (मदान्विताः)
7. झूठे निश्चयों को पकडता हूँ। (असद् ग्राहान्)
8. अपवित्र व्रतों में प्रवृत्त होता है।
9. विषयों का उपभोग ही परम है। (कामोपभोग परमा)
10. अनेक चिंताओं का आश्रय लिए रहता हूँ। (चिन्ताम् अपरिमेयाम्)
11. अन्याय पूर्वक धन संचय करता हूँ। (अन्यायेन अर्थसंचयान्)
12. दूसरे का धन भी मेरा हो जाएगा। (मे भविष्यति)
13. मैं ईशवर हूँ। (ईश्वरः अहम्)
14. मैं धनवान् हूँ। (आढयः)
15. मैं कुलीन हूँ। (अभिजनवान्)
16. मेरे समान दूसरा कौन है। (कः अन्यः)
17. मै मौज करुँगा ।(मोदिष्ये)
18. अज्ञान से विमोहित हूँ । (विमोहिताः)
19. भ्रमित चित्त वाला हूँ। (अनेकचित्तविभ्रान्ता)
20. विधिरहित यज्ञ करता हूँ। (अविधिपूर्वकम्)
21. स्वेच्छानुसार वर्तता है। (कामकारतः)